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जनपद में 8 पर्यटक स्थल, बजट के आभाव में प्रस्तावित कार्य नहीं बढ़ पा रहे आगे

- दैनिक लोक भारती
- 17 May, 2025
फतेहपुर। प्रमुख पर्यटक व पुरातात्त्विक स्थलों में शिवराजपुर, रेंह, खजुहा, बिन्दकी, तेंदुली, बावनी इमली, भिटौरा और हथगाम आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं। इसके अतिरिक्त कई मस्जिद और मंदिर भी है। जहां पर्यटन का मजा लिया जा सकता है। गंगा और यमुना नदी के तट पर स्थित फतेहपुर उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। यह जिला चारो ओर से बड़े शहरों यथा कानपुर, इलाहबाद, रायबरेली, लखनऊ, बांदा आदि से घिरा हुआ है। शायद यह इसका सौभाग्य है, या दुर्भाग्य, इसका निर्णय आपके हाथ। फतेहपुर जिले की स्थापना 10 नवम्बर 1826 ई. में हुई थी। धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह स्थान शहीद जोधा सिंह अटैया, शहीद दरियाव सिंह और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों तथा प्रसिद्ध हिन्दी राष्ट्र कवि सोहन लाल द्विवेदी की मातृभूमि है। खजुहा गांव मुगल रोड पर स्थित है। यह गांव काफी प्राचीन है। इसका वर्णन प्राचीन हिन्दू धर्मग्रन्थ ब्रह्मा पुराण में भी हुआ है, जो कि 5000 वर्ष पुराना था। 5 जनवरी 1659 ई. में मुगल शासक औरगंजेब का अपने भाई शाहशुजा के साथ भीषण युद्ध हुआ था। औरंगजेब ने शाहशुजा को इस जगह के समीप ही मारा था। अपनी जीत की खुशी में उन्होंने यहां एक विशाल और खूबसूरत उद्यान और सराय का निर्माण करवाया था। इस उद्यान को बादशाही बाग के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त इस सराय में 130 कमरें है। आज की स्थिति में यह अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। रेंह यमुना नदी के तट पर स्थित रेंह बहुत ही प्राचीन गांव है। यह गांव फतेहपुर शहर के दक्षिण-पश्चिम से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
माना जाता है कि इस जगह से 800 ई. पूर्व के पुरातात्त्विक महत्व से जुड़े लेख प्राप्त हुए थे। इसके अलावा मौर्य काल, कुषाण काल और गुप्त काल के कई सिक्के और मूर्तियां प्राप्त हुई थी। दो दशक पूर्व भवगान विष्णु की प्राचीन मूर्ति इस गांव से प्राप्त हुई थी। वर्तमान समय में यह मूर्ति कीर्तिखेडा गांव के मंदिर में स्थापित है। फतेहपुर से 30 किलोमीटर की दूरी पर बिन्दकी कस्बा है। यह एक प्राचीन शहर है। इस शहर का नाम यहां के शासक राजा वेणुकी के नाम पर रखा गया था। इस जगह की पृष्ठभूमि काफी धार्मिक और ऐतिहासिक है। बिन्दकी सेनानी जोधा सिंह अटैया और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों तथा प्रसिद्ध हिन्दी कवि राष्ट्र कवि सोहन लाल द्विवेदी की मातृभूमि है। शिवराजपुर गंगा नदी के तट पर शिवराजपुर गांव स्थित है। इस गांव में भगवान कृष्ण का प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसे मीराबाई के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मंदिर स्थित भगवान कृष्ण की मूर्ति की स्थापना मीराबाई ने की थी। वह भगवान कृष्ण की बहुत बड़ी भक्त थी और मेवाड़ राज्य के शाही परिवार की सदस्य थी। तेंदुली यह गांव चौदहग्राम-बिन्दकी मार्ग पर स्थित है। इस गांव में बाबा झमदास का मंदिर स्थित है। माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति को सांप या कुत्ता काट लेता है तो वह व्यक्ति मनो-विकार की समस्या से पीड़ित होता है। इस मंदिर में आकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यंहा एक मन्दिर है, जिसे गुप्त कालीन बताया जाता है। आजकल यह अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। बावनी इमली यह स्मारक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतीक है। 28 अप्रैल 1858 में ब्रिटिश सेना द्वारा बावन स्वतंत्रता सेनानियों को एक इमली के पेड़ पर फांसी दी गई थी। जिस जगह पर यह इमली का पेड़ है, लोगो का मानना है कि इस घटना के बाद इस वृक्ष की विकास रूक गया है। यह जगह खजुहा शहर के निकट स्थित है। वैसे मूल पेड़ आज सूख चुका है, लेकिन एक नई पेड़ की शाखा पनप चुकी है, जो आज उसका अस्तित्व बनाये हुए है। भिटौरा उत्तरवाहिनी पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित भिटौरा विकास खंड मुख्यालय के रूप में स्थित है। यह वह स्थान है जहां संत भृगु ने काफी लम्बे समय तक तपस्या की थी। इसी कारण इस जगह को भृगु ठौर के नाम से भी जाता है। यहां गंगा नदी उत्तर दिशा से प्रवाहित हो रही है। इसी कारन यंहा का पौराणिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। हथगाम यह स्थान महान स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय गणेश शंकर विद्यार्थी और प्रसिद्ध उर्दू कवि इकबाल वर्मा की जन्मभूमि है।
सभी घोषित किए गए पर्यटक स्थलों का निरीक्षण करके एस्टीमेट बनाकर कई माह पहले भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही कुछ पर्यटक स्थलों के विकास कार्य के लिए बजट शासन द्वारा अवमुक्त किया जाएगा। उन्होने लोगों से शांति का माहौल बनाएं रखने की अपील की है। - रविन्द्र सिंह डीएम फतेहपुर
फतेहपुर कैसे पहुंचें?
राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग जैसी कई सड़कें फतेहपुर को भारत के विभिन्न स्थानों से जोड़ती हैं। और यहाँ से उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों और अन्य पड़ोसी राज्यों में जाने के लिए सड़क मार्ग से फतेहपुर में स्थित अंतर-राज्यीय बस स्टेशन से चलने वाली बसों का विकल्प है। और अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं, तो आप निकटतम घरेलू हवाई अड्डे कानपुर चकेरी और निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे लखनऊ से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों का लाभ उठा सकते हैं, जो फतेहपुर से तीन घंटे की दूरी पर है।
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