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प्यासा पाकिस्तान आया घुटनों पर, भारत से लगाई गुहार

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नई दिल्ली। पहलगाम में हुए टेररिस्ट अटैक के बाद भारत ने कई सख्त कदम उठाए थे। जिसमें मुख्य सिंधु जल समझौता स्थगित करना भी था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान में बिलबिलाहट देखी जा रही है। आने वाले समय में पाकिस्तान एक-एक बूंद पानी के लिए तरस सकता है क्योंकि सिंधु जल पर ही पाकिस्तान की 80 फीसदी जनता आश्रित है। जानकारों की माने तो पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते को लेकर भारत से वार्ता करने की इच्छा जताई है।

आपको बता दें कि भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित करने की सूचना पाकिस्तान को भेज दी थी। उस समय तो पड़ोसी बड़ी बड़ी बातें कर रहा था लेकिन अब बताते हैं कि पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने संधि के निलंबन पर उन्होंने अपनी भारतीय समकक्ष देवश्री मुखर्जी को एक पत्र लिखा है। इसमें मुर्तजा ने भारत द्वारा जताई गई आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए हामी भरी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और वार्ता करना चाहती है।  पत्र के माध्यम से उन्होंने लाखों लोगों का हवाला देते हुए कहा है कि सिंधु जल संधि से मिलने वाले पानी पर लाखों जिन्दगियां निर्भर हैं। ऐसे में भारत को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।  फिलहाल, जल शक्ति मंत्रालय के अफसरों ने इस घटना पर आधिकारिक रूप से   कोई भी बयान देने से मना कर दिया। 

दिख रही पाकिस्तान की छटपटाहट

सिंधु जल संधि पर चर्चा के लिए पाकिस्तान की पेशकश में उसकी छटपटाहट साफ नजर आ रही है। आपको बता दें, इससे पहले जनवरी, 2023 और सितंबर 2024 में भारत ने पाकिस्तान को दो बार सिंधु जल संधि पर वार्ता के लिए कहा था, लेकिन पाकिस्तान ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन अब पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है।

आतंक की कमर तोड़ने के लिए भारत ने उठाया ये कदम

सिंधु जल समझौता निलंबन का यह कदम पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के जवाब में उठाया गया था। दोनों देशों के बीच चार युद्धों और दशकों से जारी सीमा पार आतंकवाद के बावजूद इस संधि को बरकरार रखा गया था। आपको बता दें कि सिंधु नदी के जल पर पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि निर्भरता है। इसी जल से पेयजल आपूर्ति भी विभिन्न स्थानों में पाकिस्तान करता है।

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