पाटन-उन्नाव। नगर पंचायत भगवंतनगर की बेशकीमती सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर बाउण्ड्रीवाल खड़ी कर ली और कमरा भी बनवा लिया लेकिन जिम्मेदार अभी भी मूकदर्शक बने हैं। नगरवासियो में चर्चा है कि इस कब्जे में अधिशाषी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
तहसील बीघापुर के नगर पंचायत भगवंतनगर के अंतर्गत वार्ड संख्या-6 के मोहल्ला कुमराही के बगल में ग्राम पंचायत गोबरहा की गाटा संख्या-62 ऊसर दर्ज है। इस सरकारी बेशकीमती जमीन पर अब भू-माफियाओं की नजर है। भू-माफियाओं द्वारा इस जमीन पर जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से इस जमीन पर दीवार और घर बनाकर कब्जा कर लिया। जानकारी की गई की ग्राम गोबरहा में गाटा संख्या-62 लगभग 7 बिसुवा सरकारी बेसकीमती जमीन है। उक्त भूमि को वार्ड नंबर-6 में रहने वाले भूमाफिया कमलाकांत व लक्ष्मीकांत पुत्रगण स्वर्गीय दयाराम द्वारा कब्जा किया जा रहा है। नगर पंचायत भगवंत नगर में हो रहे इस अवैध कब्जे की शिकायत नगर पंचायत के रहने वाले चंदिका प्रसाद पुत्र रामगुलाम ने आईजीआरएस के माध्यम से की है जिसका शिकायत संख्या-40015625027251 है। चंद्रिका प्रसाद के अनुसार उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा कई बार नगर पंचायत कार्यालय में भी शिकायत की गई है क्योंकि उक्त सुरक्षित भूमि नगर पंचायत में समाहित कर दी गई है। मगर मेरे शिकायत के बाद भी नगर पंचायत के अधिकारियों के कानों में जूॅ तक नहीं रेंगा। जिसके चलते चंद्रिका प्रसाद ने आईजीआरएस के माध्यम से दुबारा की और कहा कि उक्त सरकारी भूमि की जांच कर सुरक्षित सरकारी भूमि से कब्जा हटाने के साथ ही दोषियों पर कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई किया जाना अति आवश्यक है। जिससे कोई भी व्यक्ति सरकार की संपत्ति को नुकसान न पहुंच सके, मगर देखा जाए तो नगर पंचायत के ईओ और तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उक्त बेसकीमती जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है। जब भूमाफियाओं को शिकायतकर्ता के बारे में जानकारी हो जाती है तो उक्त भूमाफिया शिकायतकर्ता के साथ सुलह के लिए दबाव बनाने का प्रयास भी करते हैं यह जानकारी सूत्रों द्वारा मिली है। अब देखना यह है कि उक्त बेसकीमती सरकारी जमीन को तहसील के जिम्मेदार वह नगर पंचायत के जिम्मेदार क्या कुछ कार्यवाही करते हैं। क्या उक्त भूमाफिया के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करेंगे? उक्त सरकारी जमीन इन भूमाफियाओं से छूट पाएगी या नहीं यह एक सोचने का विषय है। इस विषय पर नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले लेखपाल उदयभान यादव से टेलीफोन द्वारा बातचीत की गयी तो उन्होंने पहले बताया कि मुझे इस विषय पर जानकारी नहीं थी। आज ही ऑनलाइन शिकायती पत्र मिला है जाँच कर कार्यवाही होगी। अब देखना यह है कि क्या लेखपाल साहब और ईओ उक्त भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करेंगे या भूमाफियाओं से मिठाई का डिब्बा लेकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देंगे।
कब्जे को लेकर ईओ की भूमिका संदिग्ध
पाटन-उन्नाव। सोचने का विषय यह भी है कि क्या जब उक्त भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा था तो नगर पंचायत के जिम्मेदार ईओ नींद में थे क्या? या उक्त भूमाफियाओं को सरकारी बेशकीमती जमीन को कब्जा कराने में साहब का ही हाथ है। नगर पंचायत के ईओ के रहते हुए भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन पर बाउंड्रीवाल आखिरकार कैसे बना कर कब्जा कर लिया और ईओ को मालूम नहीं चल सका। क्या ईओ साहब उक्त भू के खिलाफ कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की और सूत्रों द्वारा यह भी जानकारी मिली कि उक्त भूमाफियाओं को नोटिस भी दी गई थी फिर भी उक्त भूमाफियाओं का कार्य जारी रहा। इसका साफ़-साफ़ मतलब यही है कि उक्त भूमाफियाओं के साथ नगर पंचायत के ईओ के साथ साथ नगर पंचायत के अध्यक्ष का भी कहीं न कहीं उक्त भूमाफियाओं के ऊपर हाथ हैं।