बांदा। दो दिवसीय कमला मिश्रा स्मृति शतरंज चैंपियनशिप में 13 स्कूलों के दो सैकड़ा विद्यार्थियों ने भागीदारी करते हुए खिलाड़ियों ने आत्मविश्वास, धैर्य और विश्लेषणात्मक क्षमता का परिचय दिया। प्रतियोगिता दो वर्गों अंडर-13 और अंडर-19 में भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी में आयोजित हुई। समापन पर दोनों वर्गों के चैंपियन खिलाड़ियों समेत उप विजेताओं को नगद इनाम व ट्राफी देकर सम्मानित किया गया।
भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी में आयोजित दो दिवसीय प्रतियोगिता के दूसरे दिन आंकाक्षा समिति मंडल अध्यक्ष पूजा सिंह ने गौतम बुद्ध प्रतिमा व संस्था संस्थापक की प्रतिमाओं के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर शुभारंभ किया। दो श्रेणियों अंडर-13 और अंडर-19 में आयोजित प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने आत्मविश्वास, धैर्य, और विश्लेषणात्मक क्षमता का परिचय दिया। अंडर-19 में सेंट जेवियर्स स्कूल के अविरल शुक्ल चैंपियन बने। इसी स्कूल की अराध्य द्विवेदी दूसरे और संत तुलसी पब्लिक स्कूल का अनुज चौरसिया तीसरे स्थान पर रहा। प्रोत्साहन पुरस्कार सम्राट सिंह (सेंट जेवियर), सुमित कुमार (बीपीएमए), सैयद मुजम्मिल हक (सेंट जॉर्ज) को मिला। अंडर-19 श्रेणी तथागत ज्ञानस्थली के वैभव शुक्ल चैंपियन बने। विद्यावती निगम मेमोरियल के सूर्यांश सेठ ने दूसरा और सेंटमैरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अन्वेषा सिंह तीसरे स्थान पर रहीं। प्रोत्साहन पुरस्कार आयुष सिंह (सेंट जेवियर), संस्कार सिंह (सेंट मैरी), वेदांत सिंह (तथागत ज्ञानस्थली) को मिला। समापन पर चैंपियन खिलाड़ियों के साथ प्रतिभागियों को नगद व ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डा.अर्चना, डा.अर्चना मिश्रा, प्रवि, जिला शतरंज संघ सचिव उपेंद्र तिवारी, भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी प्रधानाचार्य शिवेंद्र कुमार, भागवत प्रसाद मेमोरियल इंटर कालेज प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह, क्रीड़ाधिकारी वेद प्रकाश, सुमन चौहान, गीता मिश्रा, गणेश अवस्थी, अशोक द्विवेदी, उपेंद्र सिंह, अंकुर बाजपेयी एवं सृजन मिश्रा उपस्थित रहे। संचालन कविता वर्मा ने किया।
जीवन में हार और जीत दोनों ही आवश्यक
भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी में प्रतियोगिता के दूसरे दिन समापन समारोह के दौरान आकांक्षा समिति मंडल अध्यक्ष पूजा सिंह ने कहा कि जीवन में हार और जीत दोनों ही आवश्यक हैं। हारने वाला कभी असफल नहीं होता, बल्कि वह अगली जीत की तैयारी करता है। उत्तर प्रदेश शतरंज एसोसिएशन सचिव व आयोजक अजय मिश्रा ने कहा कि शतरंज जीवन का प्रतीक है। इसमें हर चाल सोच-समझकर चलनी पड़ती है क्योंकि एक चाल भविष्य की दिशा बदल सकती है। विद्यालय के नामित चेयरमैन अंकित कुशवाहा ने कहा हम बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाना चाहते हैं। शतरंज जैसा खेल निर्णय क्षमता, आत्म-विश्वास और संयम को विकसित करता है।